इलेक्ट्रिक टेलीग्राफ का आविष्कार किसने किया ?- Who invented Electric telegraph in Hindi ?

Early History :

शुरू ज़माने में चीन में दूर रहने वालों को दुश्मनो के हमला या कोई खतरे से चेतावनी के लिए स्मोक सिग्नल्स (smoke signals) का इस्तेमाल करते और कुछ जगाओं में ड्रम्स (Drums) का इस्तेमाल करते थे. प्राचीन ग्रीक में मानव दूत को इस्तेमाल किया गया था. ये भागते हुए जाकर मैसेज डिलीवर करते थे. इसके बाद रोमन एम्पायर में कुरसुस पुब्लिकस (Cursus publicus ) नाम की कूरियर सर्विस इस्तेमाल की गयी थी. जिसके लिए घोड़ों का इस्तेमाल किया गया था.

इसी तरह जंग के वक़्त ज़रूरी बात पहुँचाने के लिए कबूतर का इस्तेमाल करके छोटे छोटे सन्देश भेजा जाता था. 16वि सदी में बोतल मेसेजेस का इस्तेमाल किया गया था. जिसमे मैसेज को लिख कर समुन्दर में फेक देते 19 वि सदी में सेमाफोर मेथड का इस्तेमाल करके मेसेजस को डिलीवर किया जाता था.

Samuel Morse:

इन सब तरीकों में मेसेजस को डिलीवर करने के लिए बहुत सारा वक़्त लगता. सामुएल मोर्स (Samuel Morse) नामी एक अमेरिकन पेंटर को अपनी बीवी  की मौत की खबर देर से पहुंची थी. जिसकी वजह से इनके पहुँचने तक उनकी बीवी को दफ़न भी करदिया था. इस बाथ से मोर्स को बहुत अफ़सोस हुआ और फैसला किया के एक ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए जिससे दूर की जगाओं को कुछ मिनट्स में ही मैसेज को भेजा जा सके.

Chemical telegraph:

शुरू ज़माने में पहली बार केमिकल रिएक्शन से ही इलेक्ट्रिसिटी को बनाया गया था थो साइंटिस्ट्स ने इसी इलेक्ट्रिसिटी को कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल  करना चाहा. उस वक़्त पहला केमिकल टेलीग्राफ़ को 1804 में Francisco Salva ने और 1809 में Samuel Thomas von Sömmerring बनाया था.

इस आविष्कार में टेलीग्राफ के लिए 35 तारों का इस्तेमाल किया गया था. हर लेटर और नंबर के लिए अलग अलग तार इस्तेमाल किया गया था. Transmitting के तरफ तार बैटरी से कनेक्टेड रहता था.अब receiving एन्ड में 35 इलेक्ट्रोड्स एसिड बाथ में दुबे हुए होते. जब कोई लेटर को प्रेस किया जाता थो उस लेटर के तार में बिजली पास होकर एसिड बाथ में बुलबुले को पैदा करती. जो कुछ किलोमीटर्स तक कवर करता था.

 इसके बाद पहला वर्किंग टेलीग्राफ को Francis Ronalds ने static electricity को इस्तेमाल करके बनाया था. इस डिवाइस में क्लोकवर्क मैकेनिज्म (clockwork mechanism) को इस्तेमाल किया गया था. लेकिन गवर्नमेंट ऑफ़ इंग्लैंड ने उसे रिजेक्ट कर दिया और सेमाफोर मैकेनिज्म को उसे करना पसंद किया. Francis Ronalds को फादर ऑफ़ टेलीग्राफ भी माना जाता  है.

Electric telegraph:

सबसे पहला electrical telegraph को Pavel Schilling ने डिज़ाइन किया था. जो 8 तारों के साथ बनाया गया था. ये बटन्स नीडल्स के साथ कनेक्टेड रहते है. बटन प्रेस करने के बाद नीडल का मूवमेंट लेटर को पॉइंट करता है. इसके बाद सिंगल सिंगल नीडल टेलीग्राफ को बनाया था. इसे रूस को बेचा लेकिन 1837 में Schilling की मौत होने की वजह से ये प्रोजेक्ट वही रुक गया था.  

Schilling के सोंच के साथ commercial इलेक्ट्रिकल टेलीग्राफ को इंग्लैंड के Sir William Fothergill Cooke और Charles Wheatstone ने 1837 में बनाया था.जो पांच नीडल सिस्टम को बेस करके बनाया गया था. ये नीडल्स लेटर का बटन प्रेस करने के बाद उस लेटर के तरफ पॉइंट करते है. इस डिवाइस को इन्होने ¨ Cooke और Wheatstone सिस्टम ¨ नाम रखा और इसे पेटेंट भी मिला. जो इंग्लैंड के रेलवेज में बहुत इस्तेमाल किया गया था.

Samuel Morse and Morse code:

अब दूसरी तरफ अमेरिका के Samuel Morse और इनके सहायक Alfred Vail ने मिलकर अलग से electrical telegraph को बनाया था इस टेलीग्राफ में एक mechanical clockwork को इस्तेमाल किया गया था जो एक पेपर से कनेक्टेड था. जब इलेक्ट्रिसिटी पास होती थो पेपर को stylus यानि पेन संपर्क में आता है. जब एलेक्ट्रिकटी नहीं होती थो संपर्क ब्रेक हो जाता है. 

इस कांसेप्ट को लेकर Morse code को भी develop किया था. Morse code में डॉट्स और दक्षेस होते है. हर लेटर का अलग अलग pattern होता है. लॉन्ग प्रेस दाश बनता है और शार्ट प्रेस डॉट बनता है. Morse और Alfred Vail ने मिलकर न्यूज़ पेपर पढ़कर  सबसे ज़्यादा इंग्लिश भाषा में repeat होनेवाले लेटर्स को short कोड और कम उपयोग होनेवाले letters को long कोड दिया.

Repeater:

  ये टेलीग्राफ कुछ दूरी के लिए ही काम आता था. उसके बाद इसके सिग्नल्स कमज़ोर होजाते. जिसका हल प्रोफेसर Leonard Gale ने दिया था. Leonard Gale, Joseph henry के दोस्त थे। Joseph henry ने इलेक्ट्रिकल relay को अविष्कार किया था. इसी relay को थोड़ी थोड़ी दूर पर repeater की तरह इस्तेमाल किया गया था. प्रॉब्लम हल होगया और दुनिया को एक नया communication डिवाइस मिला।

First connection :

1866 में इसी टेलीग्राफ को समुन्दर में इस्तेमाल करके पहली बार यूरोप और अमेरिका को जोड़ दिया गया। इससे पहले सिर्फ शिप्स के ज़रिये  ही कम्युनिकेशन होता था. धीरे धीरे मोर्स कोड पॉपुलर हुआ और इसे रेडियो कम्युनिकेशन सिस्टम में भी इस्तेमाल किया गया. रेडियो में उस वक़्त voice communication नहीं था थो लोग मोर्स कोड लैंग्वेज की तरह सीखते थे सिर्फ इस की टोन को सुनकर ट्रांसलेट कर लेते थे.

Original Morse code को modify करके नए मोर्स कोड को  बनाया गया थे. जिसे ITU यानि International Telecommunication Union standard कहा जाता है. आज भी Morse code को Aviation,Amateur radio में इस्तेमाल किया जाता है. लोग जिन्हे disabilities होते है वो भी अपने पलकों का इस्तेमाल करके Morse code को इस्तेमाल कर सकते है.

अगर कोई कही मुसीबत में फस जाये थो Morse code का इस्तेमाल करके 3 dots 3  dashes और 3 dots का सिग्नल भेजना चाहिए जिसे SOS यानि save our souls कहते है. 

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