
Last Updated on December 8, 2020 by Admin
खरीब 400 BC में लोग इंसान के टेम्परेचर को हाथ का इस्तेमाल करके ही चेक करते थे. उस वक़्त उनको ये अंदाज़ा होगया था के सेहतमंद इंसान और बीमार इंसान के बॉडी टेम्परेचर में फर्क होता है.
खरीब 16 से 17 वि सदी में वैग्यनिकोने ऐसे डिवाइस को बनाना शुरू किया जिस के मदत से टेम्परेचर में होने वाले बदलाव को अच्छेसे जानने लगे.
अगर किसी इंसान का टेम्परेचर बढ़जाता थो वो समझ जाते थे के ये इंसान बीमार है या बुखार है. उस ज़माने ऐसी कोई डिवाइस नहीं थी जिस के ज़रिये इंसान या किसी भी चीज़ का टेम्परेचर चेक करसके.
एक बात हम सब को ये जान लेना ज़रूरी है के अचानक कोई भी अविष्कार वजूद में नहीं आता. कई सरे नाकाम कोशिशों के बाद एक अविष्कार पूरे तौर से बन कर हमारे सामने आता है.
अब हम एक के बाद एक वैज्ञानिकों के बारे में देखेंगे कि कैसे वो थर्मामीटर आविष्कार के लिए मददगार बने थे.
थर्मोस्कोप (Thermoscope) :
थर्मामीटर का पूर्वज (predecessor) थर्मोस्कोप को माना जाता है. खरीब 220 BC में ही टेम्परेचर की वजह से हवा का फैलना (Expansion) और सिकुड़ने (Contraction) को समझ गए थे.
बाद में वक़्त के सात ये समझा गया के पानी और दूसरे द्रव पदार्थ जैसे के मर्क्युरी में भी ये गुण होते है.
गैलिलियो (Galileo) :
सबसे पहले टेम्परेचर चेक करनेवाला डिवाइस में एक ट्यूब होता था जिसमे हवा होती थी और ये ट्यूब एक तरफ से बंद और दूसरी तरफ से खुला हुआ होता था.
इस ट्यूब को एक छोटे बाउल में डुबाया जाता था जिसमे पानी भरहुवा होता है.ट्यूब को पानी वाले बाउल में रखने के बाद बाउल से ट्यूब में पानी आजाता था.
ट्यूब का खुला हुआ हिस्सा पानी में और बंद वाला हिस्सा ऊपर होता था. जिसे इंसान का टेम्परेचर चेक करना होता था वो अपना मुँह को ट्यूब के ऊपर रखता था और गरम हवा पानी को बाउल में धक्का लगाता.
गैलिलियो यही एक्सपेरिमेंट अल्कोहल के साथ भी किया था. बहुत सारे लोग गैलिलियो को थर्मामीटर के इन्वेटर मानते है लेकिन गैलिलियो सिर्फ एक तरह से थर्मोस्कोपस का अविष्कार किया था.
संतोरिओ संतोरिओ (Santorio Santorio ) :
संतोरिओ एक ऐसे आविष्कारक है जिन्होंने थर्मोस्कोपे पर भी काम किया था और थर्मामीटर पर भी काम किया था. संतोरिओ ने पहली बार टेम्परेचर को मापने के लिए स्केल का इस्तेमाल किया था. इसलिए संतोरिओ को ही थर्मामीटर के आविष्कार माना जाता है.
फ़ारेनहाइट स्केल (Fahrenheit Scale) :
1724 में डेनियल फ़ारेनहाइ ( Daniel Fahrenheit) ने एक गिलास ट्यूब को नंबर्स के साथ बनाया जिसे फ़ारेनहाइट स्केल के नाम से बुलाया जाता था. इस थर्मामीटर के हिसाब से फ्रीजिंग के लिए 32 डिग्री, बोइलिंग के लिए 212 डिग्री, बॉडी टेम्परेचर 98.6 डिग्रीज बताता था
सेंटीग्रेड स्केल (Centigrade Scale):
अन्डेर्स सेल्सियस (Anders Celsius) नाम के एक और अविष्कारक ने एक थर्मामीटर बनाया था जिसे सेल्सियस और सेंटीग्रेड के नाम से जाना जाता था. इस थर्मामीटर के हिसाब से में फ्रीजिंग के लिए 0 डिग्री, बोइलिंग के लिए 100 डिग्री, बॉडी टेम्परेचर 37 डिग्रीज बताया था.
सर थॉमस अलबूट (Sir Thomas Allbut ) ने 1867 में ऐसा थर्मामीटर बनाया जो आज हम अक्सर हॉस्पिटल्स में इस्तेमाल करते है.
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