
Last Updated on April 1, 2021 by Admin
दुनिया में 2 तरह के लोग है, एक वो है जो नॉनवेज खाते है दूसरे वो है जो वेज कहते है. सबकी अपनी अपनी पसंद है, वेज में काफी सारी ऐसे डिशेस है जो नॉनवेज के बराबर होते है.
नॉनवेज में काफी सारे अलग अलग प्रकार के खाने देखने को मिलते है, कुछ रोटी के सात होते है और कुछ चावल के सात होते है. नॉनवेज में एक ऐसी डिश है जो चावल से बनती है, इसके सात कोई और ग्रेवी इतनी ज़रुरत नहीं होती.
बिरयानी एक ऐसा डिश है जिसे पूरे हिंदुस्तान में पसंद किया जाता है. भले ही अलग अलग प्रकार के सात इस डिश को बनाया जाता है लेकिन कुछ ही ऐसे जगह है जहाँ असली बिरयानी की मज़ा देखने को मिलता है.
हिंदुस्तान में सबसे ज़्यदा मशहूर हैदराबाद बिरयानी को माना जाता है, इस बिरयानी को देश के अलग अलग जगाओं से आकर कहते है.
बिरयानी क्या है ?
साधारण रूप से हिंदुस्तान में ग्रेवी और चावल को अलग अलग बर्तन में बनाते है लेकिन बिरयानी एक ऐसी डिश है जिसे एक ही बर्तन में बनाया जाता है.
बिरयानी अलग अलग प्रकार का मांस का इस्तेमाल करके बनाते है. चिकन, मटन, फिश, प्रॉन, बीफ का गोश्त का इस्तेमाल करके बनाते है.
बिरयानी में एक और प्रकार है जिसमे गोश्त की जगह सब्ज़ियों का या फिर अंडों का इस्तेमाल किया जाता है. इसे आम तौर से वेज बिरयानी के नाम से जाना जाता है.
बिरयानी की शुरुवात या अविष्कार कैसे हुई ?
बिरयानी पूरे देश के अलग अलग राज्यों में बनाई जाती है इसलिए ये कहना मुश्किल है के किसने पहलीबार बिरयानी को बनाया था, लेकिन इतिहासकारों के मुताबिक मुग़ल सलतनत के द्वारा बिरयानी हिंदुस्तान में पहुंची थी.
हिंदुस्तान में मुग़ल साम्राज्य की स्तापना होने के बाद अलग अलग प्रकार के डिशेस देखनेको को मिले थे. मुग़ल अच्छे अच्छे डिशेस के लिए मशहूर जाने जाते है.
एक कहानी कुछ इस तरह है के मुग़ल के सेना को जंग लड़ते वक़्त खाना बनाना मुश्किल महसूस होने लगा था. इसलिए सिपाही कमज़ोर पड़रहे थे, उस वक़्त उन्होंने सोंचा के एक ही बर्तन में गोश्त और चावल डालकर बना देना चाहिए. ये डिश बहुत मज़ेदार बानी थी, इसके बाद लोग अपने पसंद के मसाले डाल डाल कर अलग अलग प्रकार के बिरयानी को बनाने लगे.
एक और कहानी के मुताबिक मुग़ल जब हैदराबाद पहुंचे तो वहां के राजा आसिफ जाह को आदेश दिया के बिरयानी डिश बनाये. शायद इसीलिए हैदराबाद बिरयानी मशहूर है.
बिरयानी की शुरुवाद हैदराबाद में हुई, ये इसलिए भी कहा जाता है क्यों वहां चावल का इस्तेमाल बहुत ज़्यादा करते है और उत्तर भारत में चावल का इस्तेमाल कम हि करते है.
बिरयानी चाहे जैसे भी शुरू हुई हो लेकिन शादी ब्याह में इसे मैन डिश की तरह खाते है.
बिरयानी कैसे बनती है ?
बिरयानी अक्सर चिकन या मटन का इस्तेमाल करके बनाते है, ये दोनों बहुत मशहूर है. वैसे तो बिरयानी हर जगह अलग अलग प्रकार से बनती है लेकिन हैदराबाद बिरयानी फेमस है इसलिए हैदराबाद की बिरयानी के बारे में जान लेते है.
बिरयानी बनाने के लिए हमें प्यास, गोश्त, चावल, मसाले, तेल और दही की ज़रुरत होती है.
स्टेप 1 : प्यास को तेल में इस तरह तल न चाहिए जिससे वो गोल्डन ब्राउन कलर में दिखने लगे. इस प्यास को अलग से बर्तन में निकाल ले.
स्टेप 2 : गोश्त को अच्छी तरह से धोलें, गरम मसाले और दही डाल कर इसे अच्छे से मिलाकर 1 घंटे तक मॅरिनेट करे. इस तरह करने से गोश्त बहुत जल्द गलता है. इस मरिनाशन में ही स्टेप 1 की प्यास को भी मिला देंगे.
स्टेप 3 : चावल के लिए बासमती को इस्तेमाल करें ताके अच्छी खुश्बू वाली बिरयानी बने. चावल को सत्तर प्रतिशत पकाना है फिर मॅरिनेट किया हुआ गोश्त में डालकर छुले पर चड़ा देना है. आधे घंटे में आपकी बिरयानी तैयार रहेगी.
तो ये था बिरयानी बनाने का आसान तरीखा. बिरयानी के अलग अलग जगह अलग अलग नाम से जाना जाता है. दिल्ली बिरयानी, हैदरबाद बिरयानी, धकाईया बिरयानी, सिंधी बिरयानी और अफ़ग़ान बिरयानी वगैरा वगैरा.
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