हॉट एयर बैलून का अविष्कार किसने किया – Who Invented Hot air balloon ?

हॉट एयर बैलून दुनिया का सबसे पहला फ्लाइट माना जाता है. इंसान हमेशा से परिंदों को देखने के बाद ये उम्मीद ज़रूर करते थे के हम भी हवा में उड़ सके.

हॉट एयर बैलून फ्लाइट कई हज़ारों किलोमीटर्स तो ट्रेवल तो नहीं करता लेकिन लोगों में एक अंदाज़ा था के इंसान भी हवा में सफर कर सकते है.

इतिहास :

हॉट एयर बैलून के आविष्कार से बहुत पहले चीन में खरीब 220 CE में स्काई लैंटर्न (Sky lantern) को बनाया गया था. जो मिलिटरी में आपस में सिग्नल देने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.

अविष्कार:  

हॉट एयर बैलून को फ्रेंच के जोसफ मोंटगोल्फिएर और जैक्वेस एटीएन्ने मोंटगोल्फिएर (Joseph-Michel मोंटगोल्फिएर, Jacques-Étienne Montgolfier ) नाम के दोनों भाई ने मिलकर साल 1783 में अविष्कार किया था. पहली बार बैलून  को उड़ाया गया था तो इसमें किसीने सफर नहीं किया था.

ये खरीब 1000 मीटर ऊपर उड़ने के बाद 2 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद खेतों में जाकर क्रैश हुआ था.

अविष्कार की कहानी  :

जोसफ और जैक्वेस भाइयों के पेपर की फैक्ट्री थी, जहां ये पेपर को बनाते थे. दोनों भाइयों में से जोसफ को एरोनॉटिक्स में इंटरेस्ट था. जोसफ शुरू से ये समझ थे थे आग से निकला धुआं बैलून को ऊपर लेके जाता है.

स्ट्रॉ का इस्तेमाल करके बैलून में ज़्यादा से ज़्यादा धुआं भरने लगे थे, कुछ एक्सपेरमिनेट्स के बाद पता चला के धुवां की वजह बैलून नहीं उड़ रहा  है.

फिर एक दिन जोसफ ने देखा के नीचे आग जलरहि है और ठीक उसके ऊपर कपडे सूख रहे  है. जब आग से निकली गरम हवा कपड़ो को छूने लगी थो कपडे बैलून की तरह उड़ रहा थे.

खुदरत के बताये इस नज़ारे से उनको पता चला के बैलून को उड़ाने के लिए धुवां की जरूरत नहीं बल्कि गरम हवा की जरूरत है.

हॉट बैलून कैसे काम करता है ?

हॉट एयर बैलून गरम हवा की वजह से उड़ता है क्यों की गरम हवा बहुत हलकी होती है. बैलून का साइज जितना बड़ा होगा उतनी गरम हवा को बैलून में रहेगी उतना वजन को ये उठा सकता है.

हॉट एयर बैलून में इस्तेमाल किये जाने वाले ज़रूरी चीज़ें ये है

1. पैराशूट वाल्व (Parchute Valve)

2. गोरस (Gores) 

3. पेनल्स (Panels)

4. स्कर्ट (Skirt)

5. प्रोपेन  टैंक्स (Propane Tanks)

6.बर्नर्स  (Burners)

7. एनवलप (Envelope)

पैराशूट वाल्व बैलून के ऊपर के हिस्से में होता है. इसके कारण गरम हवा को बाहर जाने में मदत करता है, इसी की वजह से बैलून को ऊपर या नीचे के दिशा में जाने में मदत मिलती है.

पूरे बैलून को हम एनवलप कहते है, इस एनवलप को गोरस और पेनल्स के साथ कवर किया जाता है.

स्कर्ट बैलून को आग से न जलनेमे मदत करता है. बर्नर्स हवा को गरम करके बैलून अंदर भेजता है.

टाइम लाइन :  

1.सेप्टेम्बर 1783 में पहली बार हॉट एयर बैलून में बकरा, मुर्गा, बातक जैसे जानवरों को भेजकर टेस्ट किया गया था

2. अक्टूबर 1783 जीन-फ्रैंकोइस पिलात्रे दे रोज़िएर ( Jean-Francois Pilatre de Rozier) नाम के इंसान ने पहली बार हॉट एयर बैलून में सफर किया गया था.

3. शुरू में हॉट एयर बैलून को एक रस्ती से बाँध दिया जाता था,  रस्ती की लम्बाई के जितना ही बैलून उड़ पाता था लेकिन बाद में बिना रस्ती के बैलून को उड़ाया गया था.

हॉट एयर बैलून को देख कर ही बाद में फ्लाइट्स और ड्रोन्स को बनाया गया है.

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