Who Invented Computer Virus in Hindi – कंप्यूटर वायरस का आविष्कार किसने किया ?

कम्प्यूटर के आविष्कार के बाद टेक्नोलॉजी में बहुत बदलाव आगया. लेकिन जैसे ही कंप्यूटर वायरस का आविष्कार हुआ थो बहुत सारे लोगों का नुक्सान भी हुआ है. 

 कंप्यूटर वायरस भी एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है जो हमारे कंप्यूटर के फाइल्स को नुक्सान पहुँचता है, और कंप्यूटर में सेव किया गया secure  इनफार्मेशन क्रेडिट कार्ड details, डेबिट कार्ड details, पासवर्ड्स को चुराता है.

1949 में माथेमैटिशन John Von Neumann ने पहली बार self replicating program को बनाया था. जो अपने आप बढ़ता चला जाता है, इसे दुनिया का सबसे पहला वायरस माना जाता है.

इसी तरह 1970 में Bob thomas ने इसी self replicating program का इस्तेमाल करके creeper virus को बनाया था. जो  सिर्फ “I am the creeper Catch me if you can “ मैसेज को दिखा था. इस वायरस को डिलीट करने के लिए reaper program को बनाया गया था. 

1982 में 9th क्लास में पड़ने वाला Richard Skrenta ने Elk cloner नाम के वायरस को बनाया था. जो अपने दोस्तों के साथ मज़ाक करने के लिए बनाया था. Skrenta ने अपने Apple 2 कंप्यूटर पर code लिखा और games के floppy डिस्क के ज़रिये वायरस को फैलाया था.

  जब कोई skrenta का दोस्त 50 वि बार उसका इस्तेमाल करता थो ये वायरस activate हो जाता और स्क्रीन पर एक poem को दिखाता था.

 इसके बाद पाकिस्तान के Basit Amjad नाम के दो भाई ने मिलकर IBM PC के लिए Brain Virus को बनाया. बासित और अमजद ने एक मेडिकल सॉफ्टवेयर को बनाया था. इसे सॉफ्टवेयर की पायरेसी रोकने के लिए वायरस को बनाया था.

जब कोई अवैध रूप से इस सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करता थो उन्हें एक warning मैसेज के साथ फ़ोन नंबर्स भी display होजाते थे. अब लोग समाधान के लिए इन नंबर्स पर कॉल करना शुरू करते थे. इन कॉल्स के ज़रिये बासित और अमजद को पता चल जाता के इस सॉफ्टवेयर को illegally कहा इस्तेमाल किया जा रहा है. ये वायरस कंप्यूटर के boot sector को infect करता और कंप्यूटर को धीमा भी कर देता था. 

अब ये सब वायरस किसी भी कंप्यूटर के डाटा को नुक्सान नहीं पहुँचाया था. धीरे धीरे ऐसे ऐसे वायरस को develop किये गए जिसका शिकार आज बहुत सारे लोग बन चुके है.  

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