गन का आविष्कार किसने किया – Who Invented Gun in Hindi ?

Image by Brett Hondow from Pixabay

Last Updated on January 10, 2021 by Admin

गन, कट्टा, घोडा ये अलग अलग जगहों पर अलग अलग नाम से जाना जाता है. इस गन का इस्तेमाल करके जान को बचाया भी जासकता है और जान को ले भी जासकता है.

हमरे इंडिया में गन का लाइसेंस इतना आसानी के सात नहीं मिलता लेकिन अगर वही US और दूसरे देशों  में आप गन को खरीद कर इस्तेमाल करसकते है.

इसीलिए शायद उन कन्ट्रीज में गन कल्चर बहुत ज़्यादा है और तकरीबन हर घर में गन मौजूद रहता है. 

इतिहास (History) :

गन का इतिहास जानने से पहले गन को चलाने वाला गनपाउडर के बारे में जानना ज़रूरी है. गनपाउडर बुल्लेट बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. 

गनपाउडर तकरीबन हर तरह के फायरआर्म में इस्तेमाल किया जाता है. गनपाउडर की खोज खरीब 9 AD में चीन में किया गया था. इस खतरनाक पाउडर को उस ज़माने में जंग लड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.

जैसा के हम सब जानते है के पहले ज़माने में तीर का इस्तेमाल बहुत ज़्यादा किया जाता था. इस तीर को खतरनाक बनाने के लिए गनपाउडर का इस्तेमाल किया जाता था.

धीरे धीरे चीन से गनपाउडर दूसरे देशों में पहलने लगा और बन्दूक बनना शुरू किया गया.

बन्दूक का अविष्कार : 

गनपाउडर के अविष्कार के बाद चीन में बम्बू का इस्तेमाल करके पहली बार गन को बनाया था. इस बम्बू में गनपाउडर का इस्तेमाल करके भाला चलाते.

फायरलांस नाम का गन बम्बू गन के बाद इस्तेमाल किया गया था. ये भी बम्बू गन की तरह ही था. जंग के वक़्त इन्हे इस्तेमाल किया जाता था.

शुरुवात में इन गन्स को देखने के बाद सोंचा के बम्बू को लोहे से बदलने से और ज़्यादा मजबूत गन को बना सकते है. इस तरह लोहे को गन में इस्तेमाल करना शुरू किया गया था.

यूरोप में गनपाउडर :

हम ये बात तो जानते है के जब कभी कोई नयी तकनीक दुनिया में वजूद अति है तो सारे देश उसे हासिल करने में लग जाते है. नुक्लियर वेपन की ताकत को जानने के बाद हर देश अपने पास नुक्लियर वेपन को रखना चाहते है.

जंग के वक़्त गनपाउडर की अहमियत महसूस होने के बाद यूरोप इसे अपने पास लाकर वेपन्स बनाना चाह रहा था. शुरू में छोटे छोटे साइज में कैनन को बनाया जिसे हम तोप कहते है.

हर देश जब जंग लड़ने जाता तो तोप का इस्तेमाल ज़रूर  करता क्यों की इससे बहुत ज़्यादा नुकसान होता है.

गन काम कैसे करता है :

गन में बुल्लेट को चलाने के लिए कम्बशन की ज़रुरत होती है, ये कम्बशन एक दबाव (high-pressure gas) बनता है. इस की वजह से बुल्लेट आगे बढ़ता है.

गन का बैरल कुछ इस तरह बना हुआ होता है के ये बुल्लेट को स्टेबल तरीके से आगे बढ़ने में मदत करता है.

गन के प्रकार: 

गन के अलग अलग प्रकार होते है जिन्हे अलग अलग मौखों पर इस्तेमाल किया जाता है. 

वाटर गन : जब कभी कही ऐसा माहोल होजाता है जहा बहुत सारे लोग जमा हो गये है और किसी चीज़ की मांग कर रहे है तो सरकार उन्हें बिना नुक्सान पहुंचाहए दूर भेजने के लिए वाटर गन का इस्तेमाल करते है. न्यूज़ में इन्हे आप काफी बार देखा होगा.

इसी तरह स्प्रे गन्स पेंटिंग करके के लिए, टीज़र गनस इलेक्ट्रिक शॉक देने के लिए इस्तेमाल करते है. 

आज टेक्नोलॉजी बढ़ने के बाद अलग अलग प्रकार के गन हमारे बीच मौजूद है, जिसमे से मशीन गन को बहुत पावरफुल माना जाता है. इस गन को अक्सर देश की पुलिस और मिलिटरी इस्तेमाल करते है

Also read :

Machine gun ka avishkar kisne kiya ?

Rocket ka avishkar kisne kiya ?

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*